अध्याय 1: रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
- परिचय
- रासायनिक अभिक्रियाएँ
- परिभाषा
- पहचान
- उदाहरण
- रासायनिक समीकरण
- परिभाषा
- घटक
- उदाहरण
- संतुलित रासायनिक समीकरण
- आवश्यकता
- संतुलित करने की विधि
- उदाहरण
- रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार
- संयोजन अभिक्रिया
- वियोजन अभिक्रिया
- ऊष्मीय वियोजन
- विद्युत अपघटन
- प्रकाशीय वियोजन
- विस्थापन अभिक्रिया
- द्वि-विस्थापन अभिक्रिया
- उपचयन और अपचयन अभिक्रियाएँ
- उपचयन
- अपचयन
- रेडॉक्स अभिक्रिया
- उपचायक
- अपचायक
- दैनिक जीवन में उपचयन अभिक्रियाओं के प्रभाव
- संक्षारण
- विकृतगंधिता
- सारांश
- अतिरिक्त महत्वपूर्ण बिंदु
परिचय:
यह अध्याय रसायन विज्ञान की आधारशिला रखता है। इसमें हम जानेंगे कि रासायनिक अभिक्रियाएँ क्या होती हैं, वे कैसे होती हैं, उन्हें कैसे दर्शाया जाता है, और उनके विभिन्न प्रकार क्या हैं।
मुख्य विषय:
- रासायनिक अभिक्रियाएँ (Chemical Reactions):
- परिभाषा: वे प्रक्रियाएँ जिनमें पुराने रासायनिक बंध टूटते हैं और नए रासायनिक बंध बनते हैं, जिसके परिणामस्वरूप नए पदार्थों का निर्माण होता है।
- पहचान: रासायनिक अभिक्रियाओं को निम्नलिखित परिवर्तनों के आधार पर पहचाना जा सकता है:
- अवस्था में परिवर्तन (Change in State): ठोस, द्रव या गैस में परिवर्तन।
- रंग में परिवर्तन (Change in Colour): अभिकारकों और उत्पादों के रंग में अंतर।
- गैस का उत्सर्जन (Evolution of Gas): अभिक्रिया के दौरान गैस का निकलना (उदाहरण: बुदबुदाहट)।
- तापमान में परिवर्तन (Change in Temperature): ऊष्मा का निकलना (ऊष्माक्षेपी) या अवशोषित होना (ऊष्माशोषी)।
- अवक्षेप का बनना (Formation of Precipitate): एक अघुलनशील ठोस पदार्थ का बनना।
- उदाहरण:
- लोहे पर जंग लगना (Iron rusting): लोहा (Fe) ऑक्सीजन (O₂) और नमी (H₂O) से अभिक्रिया करके आयरन ऑक्साइड (Fe₂O₃.xH₂O) बनाता है।
- मैग्नीशियम रिबन का जलना (Burning of Magnesium ribbon): मैग्नीशियम (Mg) हवा में ऑक्सीजन (O₂) के साथ जलकर मैग्नीशियम ऑक्साइड (MgO) बनाता है।
- दही का बनना (Curdling of milk): रासायनिक परिवर्तन है जिसमें दूध के प्रोटीन की संरचना बदल जाती है।
- रासायनिक समीकरण (Chemical Equations):
- परिभाषा: रासायनिक अभिक्रियाओं को प्रतीकों और सूत्रों का उपयोग करके संक्षिप्त रूप में दर्शाना रासायनिक समीकरण कहलाता है।
- घटक: एक रासायनिक समीकरण में दो मुख्य भाग होते हैं:
- अभिकारक (Reactants): वे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते हैं। इन्हें समीकरण के बाईं ओर (+) चिह्न के साथ लिखा जाता है।
- उत्पाद (Products): वे नए पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया के परिणामस्वरूप बनते हैं। इन्हें समीकरण के दाईं ओर (+) चिह्न के साथ लिखा जाता है।
- अभिकारकों और उत्पादों को एक तीर (→) द्वारा अलग किया जाता है, जो अभिक्रिया की दिशा को दर्शाता है।
- उदाहरण:
- मैग्नीशियम का जलना: 2Mg(s)+O2(g)→2MgO(s)
- Mg (मैग्नीशियम) और O2 (ऑक्सीजन) अभिकारक हैं।
- MgO (मैग्नीशियम ऑक्साइड) उत्पाद है।
- (s) ठोस, (l) द्रव, (g) गैस और (aq) जलीय विलयन को दर्शाते हैं।
- मैग्नीशियम का जलना: 2Mg(s)+O2(g)→2MgO(s)
- संतुलित रासायनिक समीकरण (Balanced Chemical Equations):
- आवश्यकता: द्रव्यमान संरक्षण के नियम (Law of Conservation of Mass) के अनुसार, किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में न तो द्रव्यमान का निर्माण होता है और न ही विनाश। इसलिए, एक रासायनिक समीकरण को संतुलित करना आवश्यक है ताकि अभिकारकों और उत्पादों दोनों तरफ प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान हो।
- संतुलित करने की विधि (Hit and Trial Method – आमतौर पर उपयोग की जाती है):
- प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या को अभिकारकों और उत्पादों की तरफ लिखें।
- सबसे जटिल सूत्र से शुरुआत करें और परमाणुओं को संतुलित करना शुरू करें।
- आवश्यकतानुसार अभिकारकों और उत्पादों के आगे उचित गुणांक (coefficients) लगाएं।
- ध्यान रखें कि आप सूत्र के अंदर परमाणुओं की संख्या को नहीं बदल सकते।
- सभी तत्वों के परमाणु संतुलित होने तक प्रक्रिया को दोहराएं।
-
- उदाहरण:
- असंतुलित समीकरण: Fe(s)+H2O(l)→Fe3O4(s)+H2(g)
- संतुलित समीकरण: 3Fe(s)+4H2O(l)→Fe3O4(s)+4H2(g)
- उदाहरण:
- रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार (Types of Chemical Reactions):
- संयोजन अभिक्रिया (Combination Reaction):
- परिभाषा: वह अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एक एकल उत्पाद बनाते हैं।
- सामान्य रूप: A+B→AB
- उदाहरण:
- कोयले का दहन: C(s)+O2(g)→CO2(g)
- पानी का बनना: 2H2(g)+O2(g)→2H2O(l)
- कैल्शियम ऑक्साइड और जल की अभिक्रिया: CaO(s)+H2O(l)→Ca(OH)2(aq) (यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया भी है)
- वियोजन अभिक्रिया (Decomposition Reaction):
- परिभाषा: वह अभिक्रिया जिसमें एक एकल अभिकारक टूटकर दो या दो से अधिक सरल उत्पाद बनाता है।
- सामान्य रूप: AB→A+B
- प्रकार:
- ऊष्मीय वियोजन (Thermal Decomposition): ऊष्मा द्वारा वियोजन।
- उदाहरण: कैल्शियम कार्बोनेट का गर्म करना: CaCO3(s)ΔCaO(s)+CO2(g) (Δ ऊष्मा को दर्शाता है)
- विद्युत अपघटन (Electrolytic Decomposition): विद्युत धारा प्रवाहित करके वियोजन।
- उदाहरण: जल का विद्युत अपघटन: 2H2O(l)विद्युत2H2(g)+O2(g)
- प्रकाशीय वियोजन (Photochemical Decomposition): प्रकाश की उपस्थिति में वियोजन।
- उदाहरण: सिल्वर क्लोराइड का सूर्य के प्रकाश में वियोजन: 2AgCl(s)सूर्य का प्रकाश2Ag(s)+Cl2(g) (इसका उपयोग श्वेत-श्याम फोटोग्राफी में होता है)
- ऊष्मीय वियोजन (Thermal Decomposition): ऊष्मा द्वारा वियोजन।
- विस्थापन अभिक्रिया (Displacement Reaction):
- परिभाषा: वह अभिक्रिया जिसमें एक अधिक अभिक्रियाशील तत्व कम अभिक्रियाशील तत्व को उसके यौगिक के जलीय विलयन से विस्थापित कर देता है।
- सामान्य रूप: A+BC→AC+B (यदि A, B से अधिक अभिक्रियाशील है)
- अभिक्रियाशीलता श्रेणी (Reactivity Series): धातुओं की अभिक्रियाशीलता का क्रम, जो यह निर्धारित करता है कि कौन सा धातु दूसरे को विस्थापित कर सकता है। (पोटैशियम > सोडियम > कैल्शियम > मैग्नीशियम > एल्युमीनियम > जिंक > आयरन > लेड > हाइड्रोजन > कॉपर > मर्करी > सिल्वर > गोल्ड)
- उदाहरण:
- लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोना: Fe(s)+CuSO4(aq)→FeSO4(aq)+Cu(s) (लोहा, कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है)
- जिंक की अभिक्रिया कॉपर सल्फेट के साथ: Zn(s)+CuSO4(aq)→ZnSO4(aq)+Cu(s) (जिंक, कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है)
- द्वि-विस्थापन अभिक्रिया (Double Displacement Reaction):
- परिभाषा: वह अभिक्रिया जिसमें अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है और नए यौगिक बनते हैं। आमतौर पर, इनमें से एक उत्पाद अवक्षेप (precipitate) होता है।
- सामान्य रूप: AB(aq)+CD(aq)→AD(aq)+CB(s) (यदि CB अवक्षेप है)
- अवक्षेपण अभिक्रिया (Precipitation Reaction): वह द्वि-विस्थापन अभिक्रिया जिसमें एक अघुलनशील ठोस पदार्थ (अवक्षेप) बनता है।
- उदाहरण:
- सोडियम सल्फेट और बेरियम क्लोराइड का विलयन मिलाना: Na2SO4(aq)+BaCl2(aq)→BaSO4(s)+2NaCl(aq) (BaSO4 सफेद अवक्षेप है)
- लेड नाइट्रेट और पोटैशियम आयोडाइड का विलयन मिलाना: Pb(NO3)2(aq)+2KI(aq)→PbI2(s)+2KNO3(aq) (PbI2 पीला अवक्षेप है)
- उपचयन और अपचयन अभिक्रियाएँ (Oxidation and Reduction Reactions):
- उपचयन (Oxidation): किसी पदार्थ में ऑक्सीजन का जुड़ना या हाइड्रोजन का निकलना, या इलेक्ट्रॉन का त्यागना।
- अपचयन (Reduction): किसी पदार्थ में हाइड्रोजन का जुड़ना या ऑक्सीजन का निकलना, या इलेक्ट्रॉन का ग्रहण करना।
- रेडॉक्स अभिक्रिया (Redox Reaction): वह अभिक्रिया जिसमें उपचयन और अपचयन दोनों एक साथ होते हैं।
- उपचायक (Oxidizing Agent): वह पदार्थ जो दूसरों का उपचयन करता है और स्वयं अपचयित होता है (इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है)।
- अपचायक (Reducing Agent): वह पदार्थ जो दूसरों का अपचयन करता है और स्वयं उपचयित होता है (इलेक्ट्रॉन त्यागता है)।
- उदाहरण:
- कॉपर ऑक्साइड और हाइड्रोजन की अभिक्रिया: CuO(s)+H2(g)ΔCu(s)+H2O(l)
- CuO में ऑक्सीजन का निकलना अपचयन है (CuO अपचयित होकर Cu बनाता है)।
- H2 में ऑक्सीजन का जुड़ना उपचयन है (H2 उपचयित होकर H2O बनाता है)।
- CuO उपचायक है और H2 अपचायक है।
- जिंक और कॉपर सल्फेट की अभिक्रिया: Zn(s)+CuSO4(aq)→ZnSO4(aq)+Cu(s)
- Zn इलेक्ट्रॉन त्यागकर Zn2+ बनाता है (उपचयन)।
- Cu2+ इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके Cu बनाता है (अपचयन)।
- Zn अपचायक है और Cu2+ उपचायक है।
- कॉपर ऑक्साइड और हाइड्रोजन की अभिक्रिया: CuO(s)+H2(g)ΔCu(s)+H2O(l)
- संयोजन अभिक्रिया (Combination Reaction):
- दैनिक जीवन में उपचयन अभिक्रियाओं के प्रभाव (Effects of Oxidation Reactions in Everyday Life):
- संक्षारण (Corrosion):
- परिभाषा: धातुओं का वायु, नमी या अन्य रसायनों के संपर्क में आने पर धीरे-धीरे क्षय होना संक्षारण कहलाता है।
- उदाहरण: लोहे पर जंग लगना (Fe2O3.xH2O), चांदी पर काली परत चढ़ना (Ag2S), तांबे पर हरी परत चढ़ना (CuCO3.Cu(OH)2)।
- बचाव के तरीके: पेंट करना, तेल लगाना, ग्रीस लगाना, गैल्वनीकरण (जस्ते की परत चढ़ाना), विद्युत लेपन, मिश्र धातु बनाना।
- विकृतगंधिता (Rancidity):
- परिभाषा: वसा और तेल युक्त खाद्य पदार्थों का वायु के संपर्क में आने पर उपचयित हो जाना, जिससे उनका स्वाद और गंध बदल जाता है।
- कारण: वसा और तेलों का ऑक्सीकरण।
- बचाव के तरीके:
- प्रतिऑक्सीकारक (antioxidants) मिलाना (जैसे BHA, BHT)।
- वायुरोधी बर्तनों में रखना।
- नाइट्रोजन गैस से भरना (जैसे चिप्स के पैकेट में)।
- रेफ्रिजरेटर में रखना (ऑक्सीकरण की गति धीमी हो जाती है)।
- संक्षारण (Corrosion):
सारांश:
इस अध्याय में हमने रासायनिक अभिक्रियाओं की मूल अवधारणाओं, उन्हें दर्शाने के तरीके (रासायनिक समीकरण), समीकरणों को संतुलित करने की आवश्यकता, विभिन्न प्रकार की रासायनिक अभिक्रियाओं (संयोजन, वियोजन, विस्थापन, द्वि-विस्थापन, उपचयन और अपचयन), और दैनिक जीवन में उपचयन के प्रभावों (संक्षारण और विकृतगंधिता) के बारे में सीखा। यह ज्ञान रसायन विज्ञान के आगे के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण आधार प्रदान करता है।
अतिरिक्त महत्वपूर्ण बिंदु:
- रासायनिक अभिक्रियाओं के दौरान ऊर्जा में परिवर्तन होता है। ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाओं में ऊष्मा निकलती है, जबकि ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं में ऊष्मा अवशोषित होती है।
- उत्प्रेरक (Catalyst) वे पदार्थ होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया की दर को बढ़ाते हैं लेकिन स्वयं अभिक्रिया में भाग नहीं लेते हैं।