अध्याय 1 – भारत आकार और स्थिति Notes

विषय वस्तु 
  1. परिचय: भारत एक प्राचीन सभ्यता और उसकी वर्तमान स्थिति।
  2. स्थिति (Location):
    • भारत की विश्व में भौगोलिक स्थिति (गोलार्ध, महाद्वीप)।
    • अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार।
    • कर्क रेखा का महत्व।
    • भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु (मुख्य भूभाग और भारतीय संघ)।
  3. आकार (Size):
    • भारत का कुल क्षेत्रफल और विश्व में स्थान।
    • भारत की स्थलीय सीमा रेखा की लंबाई।
    • भारत की समुद्री तटरेखा की लंबाई (मुख्य भूभाग और द्वीपों सहित)।
    • भारत का पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण विस्तार (किलोमीटर में)।
    • बड़े आकार के लाभ और चुनौतियाँ (संक्षेप में)।
  4. भारत तथा विश्व (India and the World):
    • हिंद महासागर में भारत की केंद्रीय स्थिति और उसका महत्व।
    • पूर्वी और पश्चिमी एशिया के बीच संपर्क।
    • समुद्री और स्थलीय व्यापारिक मार्ग।
    • प्राचीन काल से विचारों और वस्तुओं का आदान-प्रदान (उपनिषद, रामायण, पंचतंत्र की कहानियाँ, भारतीय अंक एवं दशमलव प्रणाली, मसाले, मलमल आदि)।
    • विभिन्न संस्कृतियों का भारत पर प्रभाव (यूनानी स्थापत्य कला, पश्चिमी एशियाई वास्तुकला)।
  5. भारत के पड़ोसी देश (India’s Neighbours):
    • स्थलीय सीमा से जुड़े पड़ोसी देश (उत्तर-पश्चिम, उत्तर और पूर्व में)।
    • समुद्री पड़ोसी देश (दक्षिण में)।
    • भारत और श्रीलंका के बीच भौगोलिक संरचना (पाक जलसंधि, मन्नार की खाड़ी)।
  6. मानक समय (Standard Time):
    • देशांतरीय विस्तार और समय का अंतर।
    • भारत की मानक याम्योत्तर (Standard Meridian) और उसका महत्व।
    • भारतीय मानक समय (IST) का निर्धारण।
  7. निष्कर्ष: भारत की विशिष्ट भौगोलिक पहचान और उसका वैश्विक महत्व।

विस्तृत नोट्स

  1. परिचय: भारत एक प्राचीन सभ्यता और उसकी वर्तमान स्थिति (Introduction: India – An Ancient Civilization and its Current Position): 

    भारत, जो एक प्राचीन सभ्यता का केंद्र रहा है, आज भी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टि से विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसकी भौगोलिक स्थिति, आकार और सीमाएँ इसे विशिष्ट बनाती हैं। यदि आप भारत आकार और स्थिति Notes की तलाश में हैं, तो यह अध्याय आपको भारत की भौगोलिक विशेषताओं और वर्तमान वैश्विक स्थिति की स्पष्ट समझ प्रदान करता है।

  • भारत विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है। इसने पिछले पाँच दशकों में सामाजिक-आर्थिक रूप से बहुमुखी उन्नति की है।
  • कृषि, उद्योग, तकनीकी और सर्वांगीण आर्थिक विकास में अद्भुत प्रगति हुई है।
  • भारत का विश्व इतिहास में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
  • यह अध्याय भारत की भौगोलिक स्थिति, आकार और विश्व के साथ उसके संबंधों पर केंद्रित है।
  1. स्थिति (Location):
  • भारत की विश्व में भौगोलिक स्थिति (Geographical Location of India in the World):
    • भारत एक विशाल देश है जो उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में स्थित है।
    • यह एशिया महाद्वीप के दक्षिणी भाग में स्थित है।
  • अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार (Latitudinal and Longitudinal Extent):
    • अक्षांशीय विस्तार (Latitudinal Extent): भारत का मुख्य भूभाग 8∘4′ उत्तर (कन्याकुमारी) से 37∘6′ उत्तरी अक्षांश (इंदिरा कोल, लद्दाख) के बीच फैला हुआ है।
    • देशांतरीय विस्तार (Longitudinal Extent): भारत का मुख्य भूभाग 68∘7′ पूर्व (गुहर मोती, गुजरात) से 97∘25′ पूर्वी देशांतर (किबिथू, अरुणाचल प्रदेश) के बीच फैला हुआ है।
    • महत्व: लगभग 30∘ का अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार भारत को विविध जलवायु और स्थलाकृति प्रदान करता है।
  • कर्क रेखा का महत्व (Importance of Tropic of Cancer):
    • कर्क रेखा (23∘30′ या 23.5∘ उत्तरी अक्षांश) देश के लगभग मध्य भाग से होकर गुजरती है।
    • यह भारत को लगभग दो बराबर जलवायु कटिबंधों में विभाजित करती है – उत्तरी भाग में उपोष्णकटिबंधीय जलवायु और दक्षिणी भाग में उष्णकटिबंधीय जलवायु।
    • कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों से होकर गुजरती है: गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मिजोरम।
  • भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु (Southernmost Point of India):
    • मुख्य भूभाग का दक्षिणी बिंदु: कन्याकुमारी (8∘4′ उत्तरी अक्षांश), तमिलनाडु।
    • भारतीय संघ का सबसे दक्षिणी बिंदु: इंदिरा प्वाइंट (Indira Point), जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ग्रेट निकोबार द्वीप पर स्थित है। यह 6∘45′ उत्तरी अक्षांश पर स्थित था। वर्ष 2004 की सुनामी में यह जलमग्न हो गया था।
  1. आकार (Size):
  • भारत का कुल क्षेत्रफल और विश्व में स्थान (Total Area of India and its Rank in the World):
    • भारत के भूभाग का कुल क्षेत्रफल लगभग 32.8 लाख वर्ग किलोमीटर (3,287,263 वर्ग कि.मी.) है।
    • यह विश्व के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 2.4 प्रतिशत है।
    • क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। इससे बड़े 6 देश हैं: रूस, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया।
  • भारत की स्थलीय सीमा रेखा की लंबाई (Length of India’s Land Boundary):
    • भारत की स्थलीय सीमा रेखा लगभग 15,200 किलोमीटर है।
    • यह उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान और अफगानिस्तान, उत्तर में चीन (तिब्बत), नेपाल और भूटान तथा पूर्व में म्यांमार और बांग्लादेश के साथ लगती है।
  • भारत की समुद्री तटरेखा की लंबाई (Length of India’s Coastline):
    • मुख्य भूभाग की तटरेखा (द्वीपों को छोड़कर) लगभग 6,100 किलोमीटर है।
    • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप समूह के साथ भारत की कुल समुद्री तटरेखा की लंबाई लगभग 7,516.6 किलोमीटर है।
  • भारत का पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण विस्तार (East-West and North-South Extent of India):
    • उत्तर-दक्षिण विस्तार (North-South Extent): लद्दाख में इंदिरा कोल से कन्याकुमारी तक लगभग 3,214 किलोमीटर।
    • पूर्व-पश्चिम विस्तार (East-West Extent): अरुणाचल प्रदेश में किबिथू से गुजरात में गुहर मोती तक लगभग 2,933 किलोमीटर।
  • बड़े आकार के लाभ और चुनौतियाँ (Advantages and Challenges of Large Size – Briefly):
    • लाभ: विविध स्थलाकृति, जलवायु, वनस्पति और जीव-जंतु, प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, बड़ी जनसंख्या (मानव संसाधन)।
    • चुनौतियाँ: प्रशासन, सुरक्षा, क्षेत्रीय असमानताएँ, परिवहन और संचार।
  • प्रायद्वीपीय आकार (Peninsular Shape):
    • भारत के दक्षिण में भूभाग हिंद महासागर की ओर संकरा होता जाता है, जिसने इसे एक विशाल प्रायद्वीपीय आकार दिया है।
    • इसके पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरब सागर स्थित है।
    • यह प्रायद्वीपीय आकार भारत को एक लंबी तटरेखा प्रदान करता है जो व्यापार और समुद्री गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण है।
  1. भारत तथा विश्व (India and the World):
  • हिंद महासागर में भारत की केंद्रीय स्थिति और उसका महत्व (India’s Central Location in the Indian Ocean and its Significance):
    • भारतीय भूखंड एशिया महाद्वीप के पूर्व और पश्चिम के मध्य में स्थित है। भारतीय भूभाग एशिया महाद्वीप का दक्षिणी विस्तार है।
    • हिंद महासागर, जो कि पश्चिम में यूरोपीय देशों और पूर्वी एशियाई देशों को मिलाता है, भारत को केंद्रीय स्थिति प्रदान करता है।
    • दक्षिण का पठार हिंद महासागर में शीर्षवत् फैला हुआ है और पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरोप के देशों के साथ-साथ पूर्वी एशिया के देशों से भी पूर्वी तट के माध्यम से निकटतम संबंध बनाए हुए है।
    • हिंद महासागर में किसी भी अन्य देश की तटीय सीमा भारत जैसी नहीं है। भारत की इसी महत्वपूर्ण स्थिति के कारण एक महासागर का नाम इसके नाम पर (हिंद महासागर – Indian Ocean) रखा गया है।
  • पूर्वी और पश्चिमी एशिया के बीच संपर्क (Link between East and West Asia):
    • भारत अपनी केंद्रीय स्थिति के कारण पूर्वी एशिया और पश्चिमी एशिया के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क सेतु का कार्य करता है।
  • समुद्री और स्थलीय व्यापारिक मार्ग (Sea and Land Trade Routes):
    • भारत का विश्व के देशों के साथ संपर्क युगों पुराना है, परंतु यह संबंध समुद्री जलमार्गों की अपेक्षा भूभागों से होकर था। उत्तरी पर्वतों के दर्रों से अनेक यात्री प्राचीन काल में भारत आए, जबकि समुद्री मार्ग बहुत समय तक ज्ञात नहीं थे।
    • इन मार्गों से प्राचीन समय से विचारों और वस्तुओं का आदान-प्रदान होता रहा है।
  • प्राचीन काल से विचारों और वस्तुओं का आदान-प्रदान (Exchange of Ideas and Commodities since Ancient Times):
    • भारत से विश्व को:
      • उपनिषदों के विचार, रामायण तथा पंचतंत्र की कहानियाँ।
      • भारतीय अंक एवं दशमलव प्रणाली।
      • मसाले, मलमल आदि कपड़े तथा व्यापार के अन्य सामान।
    • विश्व से भारत को:
      • विभिन्न संस्कृतियों का भारत पर प्रभाव पड़ा है, जैसे यूनानी स्थापत्य कला तथा पश्चिमी एशिया की वास्तुकला के प्रतीक मीनारों तथा गुंबदों का प्रभाव देश के विभिन्न भागों में देखा गया है।
  • स्वेज नहर का महत्व (Significance of Suez Canal):
    • सन् 1869 में स्वेज नहर के खुलने से भारत और यूरोप के बीच की दूरी लगभग 7,000 किलोमीटर कम हो गई है, जिससे व्यापार और आवागमन और सुगम हो गया है।
  1. भारत के पड़ोसी देश (India’s Neighbours):
  • भारत का दक्षिण एशिया में एक महत्वपूर्ण स्थान है। भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं (यह संख्या परिवर्तनशील हो सकती है, नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोत देखें)।
  • स्थलीय सीमा से जुड़े पड़ोसी देश (Land Neighbours):
    • उत्तर-पश्चिम में: पाकिस्तान और अफगानिस्तान।
    • उत्तर में: चीन (तिब्बत), नेपाल और भूटान।
    • पूर्व में: म्यांमार और बांग्लादेश।
  • समुद्री पड़ोसी देश (Sea Neighbours – South):
    • दक्षिण में समुद्र पार हमारे दो द्वीपसमूह राष्ट्र हैं:
      • श्रीलंका: यह भारत से मन्नार की खाड़ी तथा पाक जलसंधि (Palk Strait) द्वारा अलग होता है। पाक जलसंधि भारत के तमिलनाडु राज्य और श्रीलंका के उत्तरी भाग के बीच स्थित एक संकरी जलराशि है।
      • मालदीव: यह लक्षद्वीप समूह के दक्षिण में स्थित है।
  • भारत अपने पड़ोसियों के साथ भौगोलिक और ऐतिहासिक रूप से मजबूत संबंध रखता है।
  1. मानक समय (Standard Time):
  • देशांतरीय विस्तार और समय का अंतर (Longitudinal Extent and Time Difference):
    • भारत का देशांतरीय विस्तार लगभग 30∘ है (97∘25′ पूर्व – 68∘7′ पूर्व ≈ 29∘18′)।
    • पृथ्वी 24 घंटे में 360∘ घूमती है, अर्थात् 1∘ देशांतर घूमने में 4 मिनट का समय लगता है।
    • इसलिए, भारत के सबसे पूर्वी भाग (अरुणाचल प्रदेश) और सबसे पश्चिमी भाग (गुजरात) के स्थानीय समय में लगभग 2 घंटे (30∘×4 मिनट = 120 मिनट) का अंतर होता है।
    • जब अरुणाचल प्रदेश में सूर्योदय होता है, तो गुजरात में उसके लगभग 2 घंटे बाद सूर्योदय होता है।
  • भारत की मानक याम्योत्तर (Standard Meridian of India) और उसका महत्व:
    • देश के विभिन्न भागों में अलग-अलग स्थानीय समय होने से भ्रम और असुविधा हो सकती है, खासकर रेलवे, वायुमार्ग और संचार सेवाओं के लिए।
    • इस समस्या को दूर करने के लिए, देश के लगभग मध्य से गुजरने वाली किसी एक देशांतर रेखा के स्थानीय समय को पूरे देश का मानक समय मान लिया जाता है।
    • भारत में 82∘30′ (82.5∘) पूर्वी देशांतर रेखा को भारत की मानक याम्योत्तर माना गया है।
    • यह रेखा उत्तर प्रदेश में मिर्ज़ापुर (कुछ स्रोतों के अनुसार नैनी, इलाहाबाद के पास) से होकर गुजरती है।
  • भारतीय मानक समय (IST – Indian Standard Time) का निर्धारण:
    • 82∘30′ पूर्वी देशांतर पर जो स्थानीय समय होता है, उसे ही पूरे देश का मानक समय (IST) माना जाता है।
    • भारतीय मानक समय (IST) ग्रीनविच माध्य समय (GMT) या समन्वित सार्वभौमिक समय (UTC) से 5 घंटे 30 मिनट आगे है (82.5×4 मिनट = 330 मिनट = 5 घंटे 30 मिनट)।
    • अक्षांश का प्रभाव दक्षिण से उत्तर की ओर दिन और रात की अवधि पर पड़ता है। कन्याकुमारी (लगभग 8∘ उत्तर) में दिन और रात की अवधि में कम अंतर होता है जबकि लेह (लगभग 34∘ उत्तर) में यह अंतर अधिक होता है।
  1. निष्कर्ष: भारत की विशिष्ट भौगोलिक पहचान और उसका वैश्विक महत्व (Conclusion: India’s Unique Geographical Identity and its Global Significance):                                                                                                          भारत की भौगोलिक स्थिति, विविधता और आकार इसे एक विशिष्ट राष्ट्र बनाते हैं, जिसका वैश्विक महत्व निरंतर बढ़ रहा है। भारत आकार और स्थिति notes के अनुसार, इसकी सामरिक स्थिति, प्राकृतिक संसाधन और सांस्कृतिक विरासत इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावशाली देश बनाते हैं।
  • भारत की विशालता, विविधतापूर्ण स्थलाकृति, लंबी तटरेखा और हिंद महासागर में इसकी केंद्रीय स्थिति इसे एक विशिष्ट भौगोलिक पहचान प्रदान करती है।
  • इसकी रणनीतिक स्थिति ने प्राचीन काल से ही इसे व्यापार, संस्कृति और विचारों के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाया है।
  • आधुनिक विश्व में भी भारत अपनी भौगोलिक विशेषताओं और विशाल मानव संसाधन के कारण एक महत्वपूर्ण वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है।

सहायक सामग्री आधारित अतिरिक्त बिंदु (Points from Supporting Material):

  • द्वीपों का महत्व:
    • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह: बंगाल की खाड़ी में स्थित यह द्वीप समूह भारत की सामरिक और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहाँ भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी (बैरन द्वीप) स्थित है।
    • लक्षद्वीप समूह: अरब सागर में स्थित यह प्रवाल द्वीपों का समूह है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
  • उपमहाद्वीप” की संज्ञा: भारत को प्रायः भारतीय उपमहाद्वीप कहा जाता है क्योंकि यह एक विशाल भूखंड है जो शेष एशिया से हिमालय पर्वत श्रृंखला द्वारा भौगोलिक रूप से अलग होता है और इसकी अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान है। भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्यतः भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका और मालदीव को शामिल किया जाता है।
  • सीमा विवाद: भारत के अपने कुछ पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद भी रहे हैं, जिनका समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से करने का प्रयास किया जाता रहा है।
  • राज्यों का पुनर्गठन: स्वतंत्रता के बाद भारत में भाषा और प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्यों का कई बार पुनर्गठन किया गया है।

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