अध्याय 1 – भारतीय संविधान
- संविधान क्या है? (What is a Constitution?)
- संविधान एक देश के लिए नियमों और कानूनों का एक लिखित समूह होता है।
- यह एक दस्तावेज है जो उन आदर्शों (ideals) को निर्धारित करता है जिनके आधार पर देश को शासित किया जाना चाहिए।
- यह किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
- हमें संविधान की आवश्यकता क्यों है? (Why do we need a Constitution?)
हमें संविधान की आवश्यकता कई कारणों से होती है:
- i. नियमों का समूह (Set of Rules): यह हमें उन नियमों का एक समूह प्रदान करता है जिनका देश में रहने वाले सभी लोग पालन कर सकते हैं।
- ii. सरकार का स्वरूप (Nature of Government): यह बताता है कि सरकार किस प्रकार की होगी (जैसे लोकतांत्रिक, राजशाही)।
- iii. निर्णय लेने की शक्ति (Decision-making Power): यह शक्ति के दुरुपयोग को रोकता है और बताता है कि कौन निर्णय लेगा।
- iv. नागरिकों के अधिकार (Rights of Citizens): यह नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है।
- v. समाज का आदर्श (Ideal of Society): यह उन आदर्शों को व्यक्त करता है जो एक समाज के रूप में हम बनाए रखना चाहते हैं।
- vi. बहुमत का अत्याचार रोकना (Preventing Tyranny of Majority): यह सुनिश्चित करता है कि बहुमत समूह अल्पसंख्यक समूहों पर अपनी शक्ति का दुरुपयोग न करे।
- भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएँ (Key Features of the Indian Constitution)
भारतीय संविधान दुनिया के सबसे लंबे संविधानों में से एक है और इसकी कई महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं:
- संघवाद (Federalism):
-
- इसका अर्थ है कि देश में एक से अधिक स्तर की सरकारें हैं।
- भारत में केंद्र सरकार, राज्य सरकारें और स्थानीय सरकारें (पंचायती राज) हैं।
- संविधान प्रत्येक स्तर की सरकार के लिए शक्तियों और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है।
- संसदीय सरकार (Parliamentary Form of Government):
-
- सरकार के इस रूप में, लोग अपने प्रतिनिधियों (representatives) को चुनते हैं।
- ये प्रतिनिधि मिलकर सरकार बनाते हैं।
- सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती है।
- सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार (Universal Adult Franchise) का अर्थ है कि 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार है।
iii. शक्तियों का पृथक्करण (Separation of Powers):
-
- संविधान सरकार के तीन अंगों के बीच शक्तियों को विभाजित करता है ताकि कोई भी अंग अपनी शक्ति का दुरुपयोग न करे।
- विधायिका (Legislature): कानून बनाती है (जैसे संसद)।
- कार्यपालिका (Executive): कानूनों को लागू करती है (जैसे प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद)।
- न्यायपालिका (Judiciary): कानूनों की व्याख्या करती है और न्याय प्रदान करती है (जैसे सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय)।
- प्रत्येक अंग दूसरे अंग पर नियंत्रण और संतुलन (checks and balances) रखता है।
- मौलिक अधिकार (Fundamental Rights):
-
- ये नागरिकों को प्राप्त बुनियादी अधिकार हैं।
- ये सरकार को सत्ता के मनमाने और निरंकुश उपयोग से रोकते हैं।
- छह मौलिक अधिकार हैं:
- समानता का अधिकार (Right to Equality): कानून के समक्ष सभी समान हैं।
- स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom): भाषण, अभिव्यक्ति, संघ बनाने आदि की स्वतंत्रता।
- शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right Against Exploitation): मानव तस्करी, बंधुआ मजदूरी और बाल श्रम का निषेध।
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom of Religion): किसी भी धर्म को मानने, अभ्यास करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता।
- सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार (Cultural and Educational Rights): अल्पसंख्यकों को अपनी संस्कृति और शिक्षा संस्थानों की रक्षा का अधिकार।
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार (Right to Constitutional Remedies): यदि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है तो न्यायालय जाने का अधिकार।
- धर्मनिरपेक्षता (Secularism):
-
- इसका अर्थ है कि राज्य (देश) का कोई आधिकारिक धर्म नहीं है।
- राज्य सभी धर्मों को समान सम्मान देता है और किसी भी धर्म को प्राथमिकता नहीं देता।
- नागरिक अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म को मानने या न मानने के लिए स्वतंत्र हैं।
- 4. भारतीय संविधान का निर्माण (Making of the Indian Constitution)
- भारतीय संविधान का निर्माण संविधान सभा (Constituent Assembly) द्वारा किया गया था।
- इसका गठन 1946 में हुआ था।
- डॉ. बी. आर. अम्बेडकर (Dr. B. R. Ambedkar) को संविधान सभा की मसौदा समिति (Drafting Committee) का अध्यक्ष माना जाता है और उन्हें अक्सर भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है।
- संविधान सभा को भारत की विविधता और विभाजन की चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
- संविधान को पूरा होने में लगभग 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे।
- इसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।
- 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) के रूप में मनाया जाता है।