अध्याय 1 – संसाधन
- संसाधन क्या हैं? (What are Resources?)
- कोई भी वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा कर सकती है, संसाधन कहलाती है।
- एक वस्तु संसाधन तब बनती है जब उसका मूल्य (Value) होता है। सभी संसाधनों का कुछ मूल्य होता है।
- आर्थिक मूल्य (Economic Value): कुछ संसाधनों का आर्थिक मूल्य होता है, जैसे धातुएँ, खनिज।
समय और प्रौद्योगिकी किसी भी वस्तु को संसाधन में बदल सकते हैं।
- समय (Time): जैसे-जैसे समय बीतता है, नई चीज़ों की खोज होती है।
- प्रौद्योगिकी (Technology): यह किसी काम को करने या वस्तु बनाने में नवीनतम ज्ञान और कौशल का अनुप्रयोग है। उदाहरण: जल विद्युत (Hydroelectricity) बनाने की तकनीक ने पानी को एक ऊर्जा संसाधन में बदल दिया।
- समय और प्रौद्योगिकी किसी भी वस्तु को संसाधन में बदल सकते हैं।
- समय (Time): जैसे-जैसे समय बीतता है, नई चीज़ों की खोज होती है।
- प्रौद्योगिकी (Technology): यह किसी काम को करने या वस्तु बनाने में नवीनतम ज्ञान और कौशल का अनुप्रयोग है। उदाहरण: जल विद्युत (Hydroelectricity) बनाने की तकनीक ने पानी को एक ऊर्जा संसाधन में बदल दिया।
- संसाधनों के प्रकार (Types of Resources)
संसाधनों को मुख्य रूप से तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:
- प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources):
-
- वे संसाधन जो प्रकृति से प्राप्त होते हैं और बिना किसी बड़े संशोधन के उपयोग किए जाते हैं।
- उदाहरण: हवा, पानी, मिट्टी, खनिज, वन, सूर्य का प्रकाश।
- प्राकृतिक संसाधनों का वर्गीकरण (Classification of Natural Resources):
- विकास और उपयोग के स्तर के आधार पर (Based on Level of Development and Use):
- वास्तविक संसाधन (Actual Resources): वे संसाधन जिनकी मात्रा ज्ञात है और जिनका वर्तमान में उपयोग किया जा रहा है। उदाहरण: जर्मनी के रूहर क्षेत्र में कोयला, पश्चिम एशिया में पेट्रोलियम।
- संभाव्य संसाधन (Potential Resources): वे संसाधन जिनकी पूरी मात्रा ज्ञात नहीं है और जिनका वर्तमान में उपयोग नहीं हो रहा है, लेकिन भविष्य में किया जा सकता है। उदाहरण: लद्दाख में यूरेनियम के भंडार।
- उत्पत्ति के आधार पर (Based on Origin):
- अजैविक संसाधन (Abiotic Resources): निर्जीव वस्तुएँ। उदाहरण: मिट्टी, चट्टानें, खनिज।
- जैविक संसाधन (Biotic Resources): सजीव वस्तुएँ। उदाहरण: पौधे, जानवर।
- भंडार के आधार पर (Based on Stock):
- नवीकरणीय संसाधन (Renewable Resources): वे संसाधन जो जल्दी से नवीनीकृत या पुनः पूरित हो जाते हैं। ये असीमित होते हैं और मानवीय गतिविधियों से प्रभावित नहीं होते। उदाहरण: सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल, वन।
- हालाँकि, कुछ नवीकरणीय संसाधन (जैसे पानी, मिट्टी, वन) के अधिक उपयोग से उनका भंडार प्रभावित हो सकता है।
- अनवीकरणीय संसाधन (Non-Renewable Resources): वे संसाधन जिनका भंडार सीमित है और एक बार समाप्त होने के बाद उन्हें पुनः बनने में हजारों या लाखों साल लगते हैं। उदाहरण: कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, खनिज।
- नवीकरणीय संसाधन (Renewable Resources): वे संसाधन जो जल्दी से नवीनीकृत या पुनः पूरित हो जाते हैं। ये असीमित होते हैं और मानवीय गतिविधियों से प्रभावित नहीं होते। उदाहरण: सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल, वन।
- वितरण के आधार पर (Based on Distribution):
- सर्वव्यापक संसाधन (Ubiquitous Resources): वे संसाधन जो हर जगह पाए जाते हैं। उदाहरण: हवा, सूर्य का प्रकाश।
- स्थानिक संसाधन (Localized Resources): वे संसाधन जो कुछ विशिष्ट स्थानों पर ही पाए जाते हैं। उदाहरण: तांबा, लौह अयस्क।
- विकास और उपयोग के स्तर के आधार पर (Based on Level of Development and Use):
- मानव निर्मित संसाधन (Human-Made Resources):
-
- जब लोग प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके नई वस्तुएँ बनाते हैं, तो उन्हें मानव निर्मित संसाधन कहते हैं।
- प्रौद्योगिकी भी एक मानव निर्मित संसाधन है।
- उदाहरण: इमारतें, सड़कें, पुल, मशीनें, वाहन, बर्तन।
iii. मानव संसाधन (Human Resources):
-
- लोग स्वयं एक महत्वपूर्ण संसाधन हैं।
- लोगों के ज्ञान, कौशल और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके प्राकृतिक वस्तुओं को संसाधन में बदला जाता है।
- शिक्षा और स्वास्थ्य लोगों को मूल्यवान संसाधन बनाते हैं।
- मानव संसाधन विकास (Human Resource Development): लोगों के कौशल में सुधार करना ताकि वे और अधिक नए संसाधन बना सकें।
- संसाधन संरक्षण (Resource Conservation)
- संसाधन संरक्षण का अर्थ है संसाधनों का सावधानीपूर्वक और विवेकपूर्ण ढंग से उपयोग करना ताकि वे भविष्य के लिए भी उपलब्ध रहें।
- सतत विकास (Sustainable Development):
- संसाधनों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना ताकि वर्तमान पीढ़ी अपनी आवश्यकताओं को पूरा करते हुए भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखे।
- यह सुनिश्चित करना कि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे और जैव विविधता बनी रहे।
- संसाधन संरक्षण के सिद्धांत (Principles of Resource Conservation):
- कम उपयोग (Reduce): कम से कम वस्तुओं का उपयोग करना।
- पुनः उपयोग (Reuse): वस्तुओं को फेंकने के बजाय उनका दोबारा उपयोग करना।
- पुनर्चक्रण (Recycle): उपयोग की गई वस्तुओं से नई वस्तुएँ बनाना।
- विविधता का सम्मान और संरक्षण (Respect and Conserve Diversity of Life): सभी प्रकार के जीवन रूपों की रक्षा करना।
- पर्यावरण के प्रति व्यक्तिगत दृष्टिकोण और व्यवहार में बदलाव (Change Personal Attitudes and Practices towards the Environment): पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार अपनाना।