अध्याय 2 – व्यापार से साम्राज्य तक (कंपनी की सत्ता स्थापित होती है)

अध्याय 2 – व्यापार से साम्राज्य तक (कंपनी की सत्ता स्थापित होती है)

 

  1. ईस्ट इंडिया कंपनी का आगमन (Arrival of the East India Company)
  • 1600 में, ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) ने इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम से भारत के साथ व्यापार करने का एकाधिकार (sole right) प्राप्त किया।
  • वे मुख्य रूप से कपास, रेशम, मसाले (काली मिर्च, लौंग, इलायची, दालचीनी) जैसी वस्तुएँ खरीदने आए थे।
  • पहला इंग्लिश कारखाना: 1651 में हुगली नदी के किनारे स्थापित किया गया। यहीं से कंपनी ने व्यापारियों को ‘फैक्टर्स’ (Factors) कहा।
  • मुगल सम्राट औरंगजेब ने कंपनी को बिना शुल्क चुकाए व्यापार करने का फरमान (फरमान) जारी किया। कंपनी के अधिकारियों ने इसका दुरुपयोग किया, जिससे बंगाल को भारी राजस्व हानि हुई।

 

  1. बंगाल में व्यापार और संघर्ष (Trade and Conflict in Bengal)
  • 18वीं सदी की शुरुआत में, बंगाल के नवाबों (जैसे मुर्शिद कुली खान, अलीवर्दी खान, सिराजुद्दौला) ने कंपनी को रियायतें देने से इनकार कर दिया और उनसे भारी राजस्व की माँग की।
  • नवाबों ने कंपनी को किलेबंदी करने और सिक्के गढ़ने से भी रोका।
  • प्लासी का युद्ध (Battle of Plassey – 1757):
    • सिराजुद्दौला (Sirajuddaulah) बंगाल के नवाब बने और उन्होंने कंपनी को अपनी राजनीतिक गतिविधियों को बंद करने का आदेश दिया।
    • अंग्रेजों ने रॉबर्ट क्लाइव (Robert Clive) के नेतृत्व में सिराजुद्दौला के सेनापति मीर जाफर (Mir Jafar) को रिश्वत दी।
    • युद्ध में सिराजुद्दौला हार गए और उन्हें मार दिया गया।
    • मीर जाफर को नवाब बनाया गया। यह भारत में ब्रिटिश शासन की शुरुआत का प्रतीक था।
  • बक्सर का युद्ध (Battle of Buxar – 1764):
    • मीर जाफर अंग्रेजों की बढ़ती माँगों से तंग आ गए और उन्होंने कंपनी का विरोध किया।
    • कंपनी ने मीर जाफर को हटाकर मीर कासिम (Mir Qasim) को नवाब बनाया।
    • मीर कासिम ने भी कंपनी का विरोध किया, जिससे बक्सर का युद्ध हुआ।
    • इस युद्ध में मीर कासिम हार गए और कंपनी ने 1765 में बंगाल की दीवानी (Diwani) प्राप्त कर ली, जिसका अर्थ था कि वे बंगाल के विशाल राजस्व संसाधनों का उपयोग कर सकते थे।

 

  1. कंपनी का शासन विस्तार (Company Rule Expands)
  • कंपनी ने अब सीधे क्षेत्रीय विस्तार करना शुरू कर दिया।
  • सहायक संधि (Subsidiary Alliance):
    • लॉर्ड वेलेस्ली (Lord Wellesley) द्वारा पेश की गई।
    • भारतीय शासकों को अपनी स्वतंत्र सेनाएँ रखने की अनुमति नहीं थी।
    • उन्हें कंपनी की सेना द्वारा संरक्षित किया जाएगा लेकिन इसके लिए उन्हें भुगतान करना होगा।
    • यदि शासक भुगतान करने में विफल रहते, तो कंपनी उनके क्षेत्र का एक हिस्सा अपने कब्जे में ले लेती।
    • उदाहरण: अवध (Awadh) और हैदराबाद (Hyderabad) के नवाबों को इस संधि को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया।
  • टीपू सुल्तान (Tipu Sultan – ‘The Tiger of Mysore’):
    • मैसूर (Mysore) के एक शक्तिशाली शासक थे जिन्होंने अंग्रेजों का कड़ा विरोध किया।
    • उन्होंने अपनी सेना का आधुनिकीकरण किया और फ्रांसीसियों के साथ गठबंधन किया।
    • अंग्रेजों ने मैसूर के साथ चार युद्ध लड़े (एंग्लोमैसूर युद्ध)।
    • चौथा एंग्लोमैसूर युद्ध (1799): टीपू सुल्तान श्रीरंगपट्टनम की अपनी राजधानी की रक्षा करते हुए मारे गए। मैसूर को सहायक संधि के तहत लाया गया।
  • मराठों के साथ युद्ध (Wars with Marathas):
    • 18वीं सदी के अंत तक, कंपनी मराठा शक्ति को कुचलना चाहती थी।
    • कई एंग्लो-मराठा युद्ध लड़े गए।
    • तीसरा एंग्लोमराठा युद्ध (1817-1819): मराठा शक्ति को पूरी तरह से कुचल दिया गया। पेशवा (Peshwa) को कानपुर के पास बिठूर में पेंशन पर भेजा गया।
  • सर्वोच्चता का दावा (Claim to Paramountcy):
    • लॉर्ड हेस्टिंग्स (Lord Hastings) (1813-1823) के अधीन, कंपनी ने दावा किया कि उनकी शक्ति सर्वोच्च (सर्वोच्च) थी।
    • उन्होंने भारतीय राज्यों पर कब्जा करने के लिए सैन्य कार्रवाई की धमकी दी।
    • रानी चेन्नम्मा (Rani Channamma) और रायन्ना (Rayanna): कर्नाटक में कित्तूर की रानी चेन्नम्मा ने अंग्रेजों के खिलाफ हथियार उठाए। उनके बाद उनके अंगरक्षक रायन्ना ने भी विरोध किया।
  • विलय नीति (Doctrine of Lapse):
    • लॉर्ड डलहौजी (Lord Dalhousie) द्वारा पेश की गई।
    • यदि किसी भारतीय शासक की मृत्यु हो जाती है और उसका कोई पुरुष उत्तराधिकारी नहीं होता, तो उसका राज्य कंपनी के क्षेत्र का हिस्सा बन जाता (यानी विलय हो जाता)।
    • उदाहरण: सतारा, संभलपुर, उदयपुर, नागपुर, झाँसी। अवध को कुशासन के आरोप में हड़प लिया गया।

 

  1. नया प्रशासन स्थापित करना (Setting up a New Administration)
  • वारेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings) (1773-1785) बंगाल के पहले गवर्नर-जनरल बने।
  • उन्होंने कंपनी के प्रशासन में कई बदलाव किए।
  • न्याय का प्रशासन (Administration of Justice):
    • 1772 में, प्रत्येक जिले में दो अदालतें स्थापित की गईं: एक फौजदारी अदालत (Criminal Court – फौजदारी अदालत) और एक दीवानी अदालत (Civil Court – दीवानी अदालत)।
    • मौलवी और हिंदू पंडित भारतीय कानूनों की व्याख्या करते थे, जबकि यूरोपीय कलेक्टर दीवानी अदालतों की अध्यक्षता करते थे।
  • रेगुलेटिंग एक्ट (Regulating Act – 1773): इस अधिनियम ने कंपनी के मामलों को नियंत्रित करने में मदद की।
  • भारतीय जिलों के प्रशासन का केंद्र: कलेक्टर (Collector)। उसका मुख्य कार्य राजस्व एकत्र करना और कानून-व्यवस्था बनाए रखना था।

 

  1. कंपनी की सेना (Company Army)
  • कंपनी ने अपनी एक नई सेना विकसित की।
  • सिपाही (Sepoy): इसका अर्थ भारतीय सैनिक होता है (सिपाही से लिया गया)।
  • बदलाव:
    • पहले, मुगल सेना में घुड़सवार (cavalry) और पैदल सेना (infantry) होती थी।
    • कंपनी ने अधिक सिपाही और पैदल सेना भर्ती की, क्योंकि वे आग्नेयास्त्रों (firearms) से लैस थे।
    • सैनिकों को यूरोपीय शैली में प्रशिक्षित किया गया और अनुशासित किया गया।

 

  1. निष्कर्ष (Conclusion)
  • 1857 तक, ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय उपमहाद्वीप के लगभग 63% क्षेत्र और 78% जनसंख्या पर सीधा नियंत्रण कर लिया था।
  • कंपनी व्यापार के उद्देश्य से आई थी, लेकिन धीरे-धीरे उसने अपने आप को एक राजनीतिक शक्ति में बदल लिया और बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय विस्तार किया।

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