अध्याय 2 – हमारी पृथ्वी के अंदर

अध्याय 2 – हमारी पृथ्वी के अंदर

 

  1. हमारी पृथ्वी का आंतरिक भाग (Interior of Our Earth)

हमारी पृथ्वी एक प्याज की तरह है, जो कई संकेंद्रीय परतों से बनी है।

 

 

  1. भूपर्पटी (Crust):
    • यह पृथ्वी की सबसे ऊपरी और सबसे पतली परत है।
    • यह महाद्वीपीय द्रव्यमान (Continental Mass) पर लगभग 35 किमी और समुद्री तल (Oceanic Floor) पर केवल 5 किमी मोटी होती है।
    • महाद्वीपीय भूपर्पटी: मुख्य रूप से सिलिका (Silica) और एल्यूमिना (Alumina) से बनी है, इसलिए इसे सियाल (SiAl) कहते हैं।
    • महासागरीय भूपर्पटी: मुख्य रूप से सिलिका और मैग्नीशियम से बनी है, इसलिए इसे सिमा (SiMa) कहते हैं।
  1. मैंटल (Mantle):
    • भूपर्पटी के ठीक नीचे मैंटल होता है, जो लगभग 2900 किमी की गहराई तक फैला हुआ है।
    • यह मुख्य रूप से पिघली हुई चट्टानों से बना होता है और इसमें अत्यधिक गर्म पदार्थ होते हैं।

iii. क्रोड (Core):

    • मैंटल के सबसे अंदर की परत क्रोड है, जिसकी त्रिज्या लगभग 3500 किमी है।
    • यह मुख्य रूप से निकेल (Nickel) और लोहा (Iron) से बनी है, इसलिए इसे निफे (NiFe) कहते हैं।
    • आंतरिक क्रोड (Inner Core): ठोस अवस्था में।
    • बाह्य क्रोड (Outer Core): द्रव अवस्था में।
    • क्रोड में बहुत अधिक तापमान और दबाव होता है।

 

  1. शैल और खनिज (Rocks and Minerals)
  • शैल (Rocks): पृथ्वी की भूपर्पटी बनाने वाले किसी भी प्राकृतिक द्रव्यमान को शैल कहते हैं।
    • शैल विभिन्न आकार, रंग और बनावट के हो सकते हैं।
  • खनिज (Minerals): शैल जिनसे बने होते हैं, उन्हें खनिज कहते हैं।
    • खनिज प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ होते हैं जिनका एक निश्चित रासायनिक संघटन होता है।
    • वे मानव जाति के लिए बहुत उपयोगी हैं (जैसे ईंधन खनिज – कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस; लोहा, एल्यूमीनियम, सोना, यूरेनियम आदि)।
  • शैल के प्रकार (Types of Rocks): मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:
  1. आग्नेय शैल (Igneous Rocks – Primary Rocks):
      • ये शैल तब बनते हैं जब पिघला हुआ मैग्मा (Magma) (पृथ्वी के अंदर) या लावा (Lava) (पृथ्वी की सतह पर) ठंडा होकर ठोस हो जाता है।
      • अंतर्वेधी आग्नेय शैल (Intrusive Igneous Rocks): जब मैग्मा भूपर्पटी के अंदर गहराई में ठंडा होकर ठोस हो जाता है।
        • उदाहरण: ग्रेनाइट (Granite)।
      • बहिर्वेधी आग्नेय शैल (Extrusive Igneous Rocks): जब पिघला हुआ लावा पृथ्वी की सतह पर आकर तेजी से ठंडा होकर ठोस हो जाता है।
        • उदाहरण: बेसाल्ट (Basalt)। दक्कन का पठार बेसाल्ट शैल से बना है।
  1. अवसादी शैल (Sedimentary Rocks):
      • ये शैल तब बनते हैं जब शैल छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटते हैं और हवा, पानी आदि द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाए जाते हैं और जमा होते रहते हैं।
      • ये ढीले अवसाद (Sediments) एक साथ दबकर और कठोर होकर शैल की परतें बनाते हैं।
      • इनमें अक्सर पौधों, जानवरों और अन्य सूक्ष्मजीवों के जीवाश्म (Fossils) हो सकते हैं जो कभी इन शैलों पर रहते थे।
      • उदाहरण: बलुआ पत्थर (Sandstone) रेत के दानों से बनता है। चूना पत्थर (Limestone)।

iii. कायांतरित शैल (Metamorphic Rocks):

      • ये शैल तब बनते हैं जब आग्नेय और अवसादी शैल बहुत अधिक ऊष्मा (Heat) और दबाव (Pressure) के कारण अपने रूप (काया) को बदल लेते हैं।
      • उदाहरण: चिकनी मिट्टी स्लेट (Slate) में बदल जाती है; चूना पत्थर संगमरमर (Marble) में बदल जाता है।

 

  1. शैल चक्र (Rock Cycle)
  • शैल चक्र वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक प्रकार का शैल चक्रीय तरीके से दूसरे में बदल जाता है।
  • यह एक निरंतर प्रक्रिया है।
  • प्रक्रिया:
    • पिघला हुआ मैग्मा ठंडा होकर आग्नेय शैल बनाता है।
    • आग्नेय शैल टूटकर छोटे कणों में बदल जाते हैं और अवसादी शैल बनाते हैं।
    • आग्नेय और अवसादी शैल उच्च ऊष्मा और दबाव में कायांतरित शैल में बदल जाते हैं।
    • कायांतरित शैल अत्यधिक ऊष्मा और दबाव के कारण फिर से पिघलकर मैग्मा बन सकते हैं, और यह चक्र चलता रहता है।
  1. उपयोग (Uses)
  • शैलों का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है:
    • सड़कें बनाना।
    • घर और इमारतें बनाना।
    • गेम खेलना (जैसे पिठ्ठू, गिट्टी)।
    • खनिज (Minerals) विभिन्न उद्योगों और ऊर्जा उत्पादन में उपयोग होते हैं।

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