अध्याय 3 – कृषि
- कृषि क्या है? (What is Agriculture?)
- कृषि (Agriculture) एक प्राथमिक गतिविधि है जिसमें फसलों को उगाना, पशुधन पालना और मछली पकड़ना शामिल है।
- इसमें दुनिया की लगभग 50% जनसंख्या शामिल है।
- भारत की दो-तिहाई जनसंख्या अभी भी कृषि पर निर्भर है।
- कृषि शब्द की उत्पत्ति: ‘एगर’ (या एग्री) का अर्थ मिट्टी और ‘कल्चर’ का अर्थ खेती करना।
- कृषि से संबंधित अन्य गतिविधियाँ (Other Agriculture-Related Activities):
- सेरीकल्चर (Sericulture): रेशम के कीड़ों का पालन।
- पिसिकल्चर (Pisciculture): विशेष रूप से बनाए गए तालाबों और टैंकों में मछली पालन।
- विटिकल्चर (Viticulture): अंगूर की खेती।
- हॉर्टिकल्चर (Horticulture): सब्जियों, फूलों और फलों को उगाना।
- कृषि तंत्र (Farm System)
- कृषि को एक तंत्र (System) के रूप में देखा जा सकता है, जिसमें कई निवेश (Inputs), प्रक्रियाएँ (Processes) और निर्गत (Outputs) शामिल होते हैं।
- निवेश (Inputs):
- भौतिक निवेश: वर्षा, धूप, तापमान, मिट्टी, ढलान।
- मानवीय निवेश: मशीनरी, श्रम, उर्वरक, रसायन, बीज, भंडारण।
- प्रक्रियाएँ (Processes):
- जुताई (Ploughing), बुवाई (Sowing), सिंचाई (Irrigation), खरपतवार निकालना (Weeding), कटाई (Harvesting), स्प्रेइंग (Spraying) आदि।
- निर्गत (Outputs):
- फसलें (Crops), ऊन (Wool), डेयरी उत्पाद (Dairy products), मुर्गीपालन उत्पाद (Poultry products)।
- कृषि के प्रकार (Types of Farming)
खेती विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है जैसे भौगोलिक स्थिति, श्रम की मात्रा और प्रौद्योगिकी का स्तर।
- निर्वाह कृषि (Subsistence Farming):
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- इस प्रकार की खेती किसान अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करते हैं।
- उत्पादन आमतौर पर बेचने के लिए नहीं होता।
- गहन निर्वाह कृषि (Intensive Subsistence Farming):
- किसान एक छोटे भूखंड पर साधारण औजारों और अधिक श्रम का उपयोग करके खेती करता है।
- चावल मुख्य फसल है। अन्य फसलें: गेहूँ, मक्का, दलहन, तिलहन।
- आमतौर पर घनी आबादी वाले मानसून क्षेत्रों में प्रचलित है (जैसे दक्षिण, दक्षिण-पूर्व और पूर्वी एशिया)।
- आदिम निर्वाह कृषि (Primitive Subsistence Farming):
- इसमें स्थानांतरी कृषि (Shifting Cultivation) और खानाबदोश पशुचारण (Nomadic Herding) शामिल है।
- स्थानांतरी कृषि (Shifting Cultivation):
- इसमें पेड़ों को काटा और जलाया जाता है (झूम कृषि)। राख को मिट्टी में मिलाया जाता है।
- फसलें उगाने के बाद, भूमि की उर्वरता कम होने पर किसान नए भूखंड पर चले जाते हैं।
- यह आमतौर पर अमेजन बेसिन, दक्षिण-पूर्व एशिया और पूर्वोत्तर भारत के घने जंगलों में होती है।
- नुकसान: वनोन्मूलन, मृदा अपरदन।
- खानाबदोश पशुचारण (Nomadic Herding):
- चरवाहे अपने पशुओं (भेड़, ऊँट, याक, बकरियाँ) के साथ चारागाहों की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं।
- पशु दूध, मांस, ऊन और खाल प्रदान करते हैं।
- यह मध्य एशिया, भारत के कुछ हिस्सों (राजस्थान, जम्मू और कश्मीर) में प्रचलित है।
- स्थानांतरी कृषि (Shifting Cultivation):
- इसमें स्थानांतरी कृषि (Shifting Cultivation) और खानाबदोश पशुचारण (Nomadic Herding) शामिल है।
- वाणिज्यिक कृषि (Commercial Farming):
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- इस प्रकार की खेती में फसलों को बाजार में बेचने के उद्देश्य से उगाया जाता है।
- इसमें आमतौर पर बड़े भूखंड, आधुनिक मशीनरी और वैज्ञानिक तरीके उपयोग होते हैं।
- वाणिज्यिक अनाज कृषि (Commercial Grain Farming):
- फसलों को वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए उगाया जाता है।
- गेहूँ और मक्का आम वाणिज्यिक अनाज हैं।
- प्रमुख क्षेत्र: उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया के शीतोष्ण घास के मैदान।
- मिश्रित कृषि (Mixed Farming):
- भूमि का उपयोग भोजन और चारे की फसलों को उगाने और पशुधन पालने दोनों के लिए किया जाता है।
- प्रमुख क्षेत्र: यूरोप, पूर्वी यूएसए, अर्जेंटीना, दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका।
- रोपण कृषि (Plantation Farming):
- यह वाणिज्यिक खेती का एक प्रकार है जहाँ एक ही फसल (एकल फसल) उगाई जाती है, जैसे चाय, कॉफी, काजू, रबड़, केला, कपास।
- इसमें बड़े पैमाने पर श्रम और पूंजी की आवश्यकता होती है।
- प्रमुख क्षेत्र: मलेशिया में रबड़, ब्राजील में कॉफी, भारत और श्रीलंका में चाय।
- प्रमुख फसलें (Major Crops)
बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं।
- अनाज (Cereals):
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- चावल (Rice):
- दुनिया की प्रमुख खाद्य फसल।
- उच्च तापमान, उच्च आर्द्रता और अधिक वर्षा की आवश्यकता।
- चीन चावल का सबसे बड़ा उत्पादक है, उसके बाद भारत, जापान, श्रीलंका और मिस्र।
- गेहूँ (Wheat):
- मध्यम तापमान और वर्षा की आवश्यकता (बढ़ते मौसम में) और तेज धूप (कटाई के समय)।
- यूएसए, कनाडा, अर्जेंटीना, रूस, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया और भारत में उगाया जाता है।
- बाजरा (Millets):
- कम उपजाऊ और रेतीली मिट्टी में उगाया जा सकता है।
- ‘मोटे अनाज’ के नाम से भी जाना जाता है।
- उदाहरण: ज्वार, बाजरा, रागी।
- नाइजीरिया, चीन और भारत में उगाया जाता है।
- मक्का (Maize):
- मध्यम तापमान, वर्षा और तेज धूप की आवश्यकता।
- उत्तरी अमेरिका, ब्राजील, चीन, रूस, कनाडा, भारत और मैक्सिको में उगाया जाता है।
- चावल (Rice):
- रेशेदार फसलें (Fibre Crops):
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- कपास (Cotton):
- उच्च तापमान, हल्की वर्षा, 210 पाला रहित दिन और तेज धूप की आवश्यकता।
- काली और जलोढ़ मिट्टी में सर्वोत्तम।
- चीन, यूएसए, भारत, पाकिस्तान, ब्राजील और मिस्र प्रमुख उत्पादक।
- जूट (Jute):
- ‘गोल्डन फाइबर’ के रूप में भी जाना जाता है।
- उच्च तापमान, भारी वर्षा और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता।
- जलोढ़ मिट्टी में अच्छी तरह बढ़ता है।
- भारत और बांग्लादेश प्रमुख उत्पादक।
- कपास (Cotton):
iii. पेय फसलें (Beverage Crops):
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- चाय (Tea):
- ठंडी जलवायु और पूरे साल अच्छी तरह से वितरित उच्च वर्षा की आवश्यकता।
- अच्छी तरह से सूखा हुआ दोमट मिट्टी और मंद ढलान (gentle slopes) की आवश्यकता।
- केन्या, भारत, चीन, श्रीलंका प्रमुख उत्पादक।
- कॉफी (Coffee):
- गर्म और आर्द्र जलवायु और अच्छी तरह से सूखा हुआ दोमट मिट्टी की आवश्यकता।
- पहाड़ी ढलानों पर खेती के लिए अधिक उपयुक्त।
- ब्राजील कॉफी का सबसे बड़ा उत्पादक है, उसके बाद कोलंबिया और भारत।
- चाय (Tea):
- कृषि विकास (Agricultural Development)
- कृषि विकास का अर्थ है खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने के लिए कृषि उत्पादन को बढ़ाना।
- यह विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है:
- बुवाई क्षेत्र का विस्तार।
- फसलों की संख्या बढ़ाना।
- सिंचाई सुविधाओं में सुधार।
- उर्वरकों और उच्च उपज देने वाले बीजों का उपयोग।
- मशीनीकरण में वृद्धि।
- उद्देश्य: बढ़ती जनसंख्या की बढ़ती माँगों को पूरा करना।
- कृषि का विकास दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग गति से हो रहा है।
- भारत: गहन कृषि (छोटे भूखंडों पर), किसानों के पास कम भूमि और वे परिवार की जरूरतों के लिए उगाते हैं।
- यूएसए: बड़े खेत (250 हेक्टेयर या अधिक), कम जनसंख्या, आधुनिक तकनीक का उपयोग, किसान व्यापारी की तरह काम करता है।