अध्याय 3 – राज्य शासन कैसे काम करता है
- राज्य सरकार क्या है? (What is State Government?)
- भारत में संघीय व्यवस्था (Federal System) है, जिसका अर्थ है कि यहाँ दो या अधिक स्तर की सरकारें हैं:
- केंद्र सरकार (Central Government): पूरे देश के लिए।
- राज्य सरकार (State Government): प्रत्येक राज्य के लिए।
- स्थानीय सरकार (Local Government): जैसे पंचायती राज और नगर पालिकाएँ।
- यह अध्याय मुख्य रूप से राज्य सरकार (State Government) के कामकाज पर केंद्रित है।
- राज्य सरकार अपने राज्य के भीतर लोगों की जरूरतों और समस्याओं को देखती है, जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली आदि।
- विधायक कौन होते हैं? (Who are MLAs?)
- विधायक (MLA – Member of Legislative Assembly) राज्य विधान सभा (State Legislative Assembly) के सदस्य होते हैं।
- इन्हें सीधे लोगों द्वारा चुना जाता है।
- हर राज्य को विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों (Constituencies) में बांटा गया है। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से लोग एक प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं जो विधायक बनता है।
- विधायकों की भूमिका:
- वे विधान सभा (Legislative Assembly) में लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- वे सरकार बनाते हैं।
- वे कानून बनाने में मदद करते हैं।
- वे सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हैं।
- मुख्यमंत्री और मंत्री परिषद (Chief Minister and Council of Ministers)
- चुनाव के बाद (After Elections):
- जिस राजनीतिक दल के विधायकों की संख्या आधे से अधिक होती है (यानी बहुमत मिलता है), उसे सत्ताधारी दल (Ruling Party) कहा जाता है।
- सत्ताधारी दल के विधायक अपना नेता चुनते हैं, जो मुख्यमंत्री (Chief Minister – CM) बनता है।
- मुख्यमंत्री फिर अपनी मंत्री परिषद (Council of Ministers) का चयन करता है। ये मंत्री विभिन्न विभागों (जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त) के प्रमुख होते हैं।
- राज्यपाल (Governor) मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को नियुक्त करता है।
- विपक्ष (Opposition):
- जो दल बहुमत में नहीं होता, वह विपक्ष (Opposition Party) कहलाता है।
- विपक्ष की भूमिका सरकार की नीतियों और कार्यों में कमियों को उजागर करना और जनता के मुद्दों को उठाना होता है।
- विधान सभा (Legislative Assembly)
- विधान सभा वह स्थान है जहाँ सभी विधायक (सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों के) विभिन्न मुद्दों पर चर्चा और बहस करने के लिए इकट्ठा होते हैं।
- विधान सभा की बैठकें (Sessions of Legislative Assembly):
- विधायकों को जनता के सामने अपनी बात रखने और सरकार से सवाल पूछने का अवसर मिलता है।
- मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री विधान सभा के प्रति जवाबदेह (Accountable) होते हैं।
- वे अपने विभागों से संबंधित मुद्दों का जवाब देते हैं।
- कानून बनाना (Law Making):
- राज्य सरकार विधान सभा में कानून बनाती है।
- किसी भी नए कानून के लिए पहले एक विधेयक (Bill) पेश किया जाता है।
- विधेयक पर बहस होती है, और जब इसे बहुमत से पारित कर दिया जाता है, तो यह कानून (Law) बन जाता है (राज्यपाल की सहमति के बाद)।
- शासन का कामकाज (Working of the Government)
- विभागों का काम (Work of Departments):
- मुख्यमंत्री और मंत्री अपने-अपने विभागों के माध्यम से शासन चलाते हैं।
- उदाहरण: स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं को देखते हैं; शिक्षा मंत्री शिक्षा विभाग के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों को देखते हैं।
- अधिकारी और कर्मचारी (Officials and Employees):
- प्रत्येक विभाग में सरकारी अधिकारी और कर्मचारी होते हैं जो मंत्रियों द्वारा बनाए गए कानूनों और नीतियों को लागू करने में मदद करते हैं।
- पत्रकार सम्मेलन (Press Conference):
- मंत्री अक्सर पत्रकार सम्मेलन बुलाते हैं ताकि वे सरकार के निर्णयों और नीतियों के बारे में जनता को सूचित कर सकें।
- सरकार के दो पहलू (Two Aspects of Government)
- विधायक के रूप में (As MLAs):
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- सभी विधायक जो विधान सभा में बैठते हैं, वे अपनी-अपनी विधानसभा क्षेत्रों के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- वे अपनी समस्याओं और चिंताओं को विधान सभा में उठाते हैं।
- कार्यपालिका के रूप में (As Executive):
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- मुख्यमंत्री और मंत्री, जो सत्ताधारी दल से होते हैं, कार्यपालिका का हिस्सा होते हैं।
- वे विभिन्न सरकारी विभागों का नेतृत्व करते हैं और कानूनों और नीतियों को लागू करते हैं।
- लोकतंत्र में भागीदारी (Participation in Democracy)
- लोकतंत्र में लोग सरकार चुनने और उसे जवाबदेह ठहराने में भाग लेते हैं।
- नागरिक विभिन्न तरीकों से सरकार के कामकाज में भाग लेते हैं:
- चुनावों में मतदान (Voting in Elections): अपने प्रतिनिधियों को चुनना।
- विरोध प्रदर्शन और धरने (Protests and Demonstrations): अपनी असहमति या माँगों को व्यक्त करना।
- जनमत संग्रह (Public Opinion): मीडिया, समाचार पत्रों, टीवी चैनलों के माध्यम से।
- ये सभी तरीके सरकार को लोगों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील बनाने में मदद करते हैं।