अध्याय 3 – संसद और कानूनों का निर्माण

अध्याय 3 – संसद और कानूनों का निर्माण

 

  1. हमें संसद की आवश्यकता क्यों है? (Why do we need a Parliament?)
  • भारत एक लोकतंत्र (Democracy) है, और लोकतंत्र में लोग सरकार चुनते हैं।
  • संसद (Parliament) हमारे देश की सर्वोच्च कानून बनाने वाली संस्था है।
  • यह नागरिकों को सरकार पर नियंत्रण रखने में सक्षम बनाती है।
  • लोग अपने प्रतिनिधियों (Representatives) को संसद में चुनकर भेजते हैं।
  • संसद में ये प्रतिनिधि लोगों की आवाज़ उठाते हैं और उनके हितों की रक्षा करते हैं।

 

  1. लोगों को निर्णय क्यों लेना चाहिए? (Why should People Decide?)
  • औपनिवेशिक शासन (Colonial Rule) के दौरान, भारतीय लोग अंग्रेजों के निर्णयों से सहमत नहीं थे।
  • उन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और चाहते थे कि स्वतंत्र भारत में वे स्वयं निर्णय लें।
  • सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार (Universal Adult Franchise): यह अधिकार कि 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के मतदान करने का अधिकार है।
  • यह लोकतंत्र का एक प्रमुख सिद्धांत है और यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को सरकार चुनने में समान भूमिका मिले।

 

  1. संसद कौन बनाता है? (Who makes up the Parliament?)

भारतीय संसद में तीन अंग होते हैं:

  1. राष्ट्रपति (President): देश का मुखिया।
  2. लोकसभा (Lok Sabha – House of the People):
    • यह संसद का निचला सदन है।
    • इसके सदस्य सीधे लोगों द्वारा चुने जाते हैं (प्रत्यक्ष चुनाव)।
    • अधिकतम सदस्य संख्या 543+2 (2 एंग्लो-इंडियन जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जा सकता था, अब यह प्रावधान हटा दिया गया है)। वर्तमान में 543 निर्वाचित सदस्य हैं।
    • इसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
    • यह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No-confidence motion) पारित कर सकती है।

iii. राज्यसभा (Rajya Sabha – Council of States):

    • यह संसद का उच्च सदन है।
    • इसके सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं (राज्य विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा)।
    • अधिकतम सदस्य संख्या 245 (233 निर्वाचित + 12 राष्ट्रपति द्वारा नामित)।
    • इसका कार्यकाल स्थायी होता है, लेकिन इसके एक-तिहाई सदस्य हर 2 साल में सेवानिवृत्त होते हैं।
    • यह राज्यों के हितों का प्रतिनिधित्व करती है।

 

  1. संसद के कार्य (Functions of the Parliament)

संसद के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:

  1. सरकार का चुनाव करना (To Select the National Government):
    • लोकसभा चुनावों के बाद, जिस राजनीतिक दल या गठबंधन को बहुमत मिलता है, वह सरकार बनाता है।
    • कार्यपालिका (Executive): वे व्यक्ति जो कानूनों को लागू करने और प्रशासन चलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ये आमतौर पर सत्तारूढ़ दल से आते हैं।
    • प्रधानमंत्री (Prime Minister): सत्तारूढ़ दल का नेता होता है।
  1. सरकार को नियंत्रित करना, मार्गदर्शन करना और सूचित करना (To Control, Guide and Inform the Government):
    • संसद सत्र के दौरान प्रश्नकाल (Question Hour) एक महत्वपूर्ण तरीका है जिससे सांसद सरकार के कामकाज के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं और सवाल पूछते हैं।
    • सरकार को संसद के प्रति जवाबदेह रहना पड़ता है।
    • विपक्ष (Opposition) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है – वे सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों में कमियों को उजागर करते हैं।

iii. कानून बनाना (Law-Making):

    • संसद का सबसे महत्वपूर्ण कार्य कानून बनाना है।
    • किसी भी नए कानून के लिए एक विधेयक (Bill) पेश किया जाता है।
    • विधेयक को दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) से पारित होना होता है।
    • जब दोनों सदन विधेयक को पारित कर देते हैं, तो उसे राष्ट्रपति की सहमति (President’s Assent) के लिए भेजा जाता है।
    • राष्ट्रपति की सहमति के बाद, विधेयक एक कानून (Law) बन जाता है।

 

  1. कानून कैसे बनते हैं? (How are Laws Made?)
  2. विधेयक का परिचय (Introduction of a Bill): एक विधेयक संसद के किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है।
  3. बहस और चर्चा (Debate and Discussion): विधेयक पर सदन में विस्तार से चर्चा और बहस होती है।

iii. समिति को भेजना (Referral to Committee – Optional): कभी-कभी, विधेयक को एक संसदीय समिति को भेजा जाता है जो इसकी जांच करती है।

  1. मतदान (Voting): विधेयक को सदन के सदस्यों द्वारा मतदान के लिए रखा जाता है। यदि यह पारित हो जाता है, तो इसे दूसरे सदन में भेजा जाता है।
  2. दूसरे सदन में पारित होना (Passage in the Other House): दूसरा सदन भी इस पर बहस करता है और मतदान करता है।
  3. राष्ट्रपति की सहमति (President’s Assent): दोनों सदनों से पारित होने के बाद, विधेयक राष्ट्रपति के पास जाता है। राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद, यह एक कानून बन जाता है।

 

  1. कानून जो विवादास्पद होते हैं (Unpopular and Controversial Laws)
  • कभी-कभी, संसद ऐसे कानून पारित कर सकती है जो लोगों को अनुचित या हानिकारक लगते हैं।
  • ऐसे मामलों में, लोग विरोध प्रदर्शन, सार्वजनिक सभाएँ और समाचार पत्रों के माध्यम से अपनी असहमति व्यक्त कर सकते हैं।
  • यदि बड़ी संख्या में लोग यह महसूस करते हैं कि कोई कानून गलत है, तो संसद को उस कानून पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
  • न्यायपालिका की भूमिका (Role of Judiciary): यदि कोई कानून संविधान का उल्लंघन करता है, तो न्यायपालिका (सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय) उसे रद्द (strike down) कर सकती है। इसे न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) कहते हैं।

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