अध्याय 5 – भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन

अध्याय 5 – भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन

 

  1. परिवर्तन क्या है? (What is Change?)
  • हमारे चारों ओर हर समय कुछ न कुछ बदलता रहता है। इन बदलावों को परिवर्तन (Changes) कहते हैं।
  • परिवर्तन दो प्रकार के होते हैं: भौतिक परिवर्तन और रासायनिक परिवर्तन

 

  1. भौतिक परिवर्तन (Physical Changes)
  • परिभाषा: वे परिवर्तन जिनमें किसी पदार्थ के भौतिक गुणों (physical properties) (जैसे आकार, आमाप, रंग और अवस्था) में परिवर्तन होता है, लेकिन कोई नया पदार्थ नहीं बनता है।
  • ये परिवर्तन आमतौर पर उत्क्रमणीय (reversible) होते हैं, यानी मूल पदार्थ को वापस प्राप्त किया जा सकता है।
  • उदाहरण (Examples):
    • कागज को फाड़ना: कागज का आकार बदलता है, लेकिन वह कागज ही रहता है।
    • बर्फ का पिघलना और पानी का जमना: पानी अपनी अवस्था बदलता है (ठोस से द्रव और द्रव से ठोस), लेकिन रहता पानी ही है।

 

 

  1. रासायनिक परिवर्तन (Chemical Changes)
  • परिभाषा: वे परिवर्तन जिनमें एक या एक से अधिक नए पदार्थ (new substances) बनते हैं।
  • ये परिवर्तन आमतौर पर अनुत्क्रमणीय (irreversible) होते हैं, यानी मूल पदार्थ को आसानी से वापस प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
  • इन्हें रासायनिक अभिक्रियाएँ (Chemical Reactions) भी कहते हैं।

रासायनिक परिवर्तन के संकेत (Signs of Chemical Change):

    • ऊष्मा, प्रकाश या किसी अन्य विकिरण का निकलना या अवशोषण (Emission or Absorption of Heat, Light or any other radiation): जैसे जलना।
    • ध्वनि उत्पन्न होना (Sound production): जैसे पटाखों का फूटना।
    • गंध में परिवर्तन (Change in odour): जैसे भोजन का खराब होना।
    • रंग में परिवर्तन (Change in colour): जैसे लोहे में जंग लगना।
    • गैस का बनना (Formation of gas): जैसे इनो को पानी में डालने पर बुलबुले निकलना।
    • अवक्षेप का बनना (Formation of a precipitate): घोल में एक ठोस का बनना।
  • उदाहरण (Examples):
    • लोहे में जंग लगना (Rusting of Iron):
      • जब लोहा हवा में ऑक्सीजन और नमी (पानी) के संपर्क में आता है, तो एक भूरे रंग का पदार्थ, जंग (Rust), बनता है। यह एक नया पदार्थ है (आयरन ऑक्साइड)।
      • जंग लगने के लिए आवश्यक: ऑक्सीजन और जल (या जलवाष्प)
      • रोकथाम (Prevention): पेंट करके, ग्रीस लगाकर, जस्तीकरण (Galvanisation – लोहे पर जस्ते की परत चढ़ाना) करके।
    • मैग्नीशियम रिबन का जलना (Burning of Magnesium Ribbon):
      • मैग्नीशियम रिबन को जलाने पर एक चमकदार सफेद लौ के साथ जलता है और एक सफेद पाउडर मैग्नीशियम ऑक्साइड (Magnesium Oxide) बनाता है। यह एक नया पदार्थ है।
    • कोयले या लकड़ी का जलना (Burning of Coal or Wood):
      • जलने पर राख, कार्बन डाइऑक्साइड आदि बनते हैं, जो नए पदार्थ हैं।
    • मोमबत्ती का जलना (Burning of a Candle):
      • इसमें दोनों परिवर्तन होते हैं – मोम का पिघलना (भौतिक) और मोम का जलना (रासायनिक)।
    • भोजन का पाचन (Digestion of Food): जटिल भोजन सरल पदार्थों में बदलता है।
    • फल का पकना (Ripening of Fruit): रंग, स्वाद, गंध में परिवर्तन।
    • दूध का दही में बदलना (Curdling of Milk): लैक्टिक एसिड बनता है।
    • अंगूरों का किण्वन (Fermentation of Grapes): शराब बनती है।

 

  1. क्रिस्टलीकरण (Crystallisation)
  • परिभाषा: यह एक भौतिक प्रक्रिया है जिसका उपयोग किसी पदार्थ के शुद्ध क्रिस्टल प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  • यह एक भौतिक परिवर्तन का उदाहरण है क्योंकि कोई नया पदार्थ नहीं बनता।
  • उदाहरण:
    • समुद्री जल से नमक प्राप्त करना (Obtaining salt from sea water): हालाँकि यह आमतौर पर क्रिस्टल के रूप में नहीं होता है, यह एक संबंधित प्रक्रिया है।
    • कॉपर सल्फेट के क्रिस्टल बनाना (Making crystals of copper sulphate):
      • एक बीकर में पानी लें और उसमें तनु सल्फ्यूरिक एसिड की कुछ बूंदें डालें।
      • पानी को गर्म करें।
      • जब पानी उबलने लगे, तो उसमें कॉपर सल्फेट पाउडर डालते रहें और तब तक हिलाते रहें जब तक कि और पाउडर घुलना बंद न हो जाए।
      • घोल को फ़िल्टर करें और उसे ठंडा होने दें।
      • ठंडा होने पर, आप कॉपर सल्फेट के सुंदर नीले क्रिस्टल देखेंगे।

 

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